मध्यप्रदेश में लगने वाले मेले :-
मेलों में किसी भी क्षेत्र विशेष की सांस्कृतिक,धार्मिक,सामाजिक,आर्थिक और मनोरंजन से सम्बंधित अनेक क्रियाकलाप शामिल होते है। साथ ही सभी मेलों में व्यंजनों का लुत्फ़ भी उठाते है। लगभग 1000 से ज्यादा मेलों का आयोजन मध्यप्रदेश में होता है इनमें सबसे अधिक मेलों का आयोजन उज्जैन जिले में होता है और सबसे कम होशंगाबाद जिले में होता है।
1.उज्जैन का सिंहस्थ कुंभ मेला :-
पवित्र क्षिप्रा नदी के तट पर उज्जैन का कुंभ मेला, ‘सिंहस्थ’ के नाम से प्रसिद्ध है, जो हर बारह साल में एक बार आयोजित किया जाता है यह काफी विशाल धार्मिक व पवित्र मेलों में से एक है। इसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते है जो लगभग एक माह तक चलता है, वर्ष 2016 में यह आयोजित हुआ था अब अगला सिंहस्थ 2028 में होगा उज्जैन एक पवित्र नगर है यहाँ भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर जी का भव्य मंदिर स्थित है।
2.पीर बुधान का मेला :-
पीर बुधान का यह मेला शिवपुरी जिले के संवारा क्षेत्र में एक मुस्लिम संत पीर बुधान की मज़ार के पास आयोजित किया जाता है।
3.हीरा भूमियां का मेला या ‘हिरामन बाबा’ का मेला :-
‘हिरामन बाबा’ का मेला ग्वालियर और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि इन बाबा के आशीर्वाद से महिलाओं का बांझपन दूर होता है
4.संत नागाजी का मेला :-
मुरैना जिले के पोर्सा गांव में संत नागाजी की स्मृति में इस मेले का आयोजन किया जाता है।
5.तेताजी का मेला :-
तेताजी के मेले का आयोजन गुना जिले के भामावड़ गांव में किया जाता है।
6.जागेश्वरी देवी का मेला :-
यह मेला गुना जिले के चंदेरी में आयोजित किया जाता है।
7.महामृत्यंजय का मेला :-
रीवा जिले में महामृत्यंजय का मेला जिले के महामृत्यंजय मंदिर में शिवरात्रि और बसंतपंचमी के दिन आयोजित किया जाता है।
8.शहाबुद्दीन औलिया बाबा का उर्स :-
यह उर्स जिला नीमच में फरवरी माह में मनाया जाता है, यहां पर बाबा शहाबुद्दीन की मजार है।
9.बरमान का मेला :-
यह मेला नरसिंहपुर जिले के गदरवारा में पौष माह में मकर संक्रांति से 13 दिनों तक आयोजित किया जाता है ।
10.धामोनी उर्स :-
यह उर्स सागर जिले के धामोनी नामक स्थान पर बाबा मस्तान शाह वली की मजार पर अप्रैल-मई महिने में आयोजित किया जाता है