ऋतू परिवर्तन
ऋतओं में परिवर्तन पृथ्वी के द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने के दौरान हुई स्थिति के कारण होता है।
ग्रीष्म अयनांत (Summer solstice) :-
21 जून को सूर्य की किरणे कर्क रेखा पर लम्बवत पड़ती है, इस कारण उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतू होती है। साथ ही पृथ्वी का उत्तरी क्षेत्र सूर्य के सम्मुख होता है तो उत्तरी गोलार्द्ध के ध्रुवीय क्षेत्रों में 6 महीनों तक दिन रहता है, सूर्य के सापेक्ष पृथ्वी की इस स्थिति को उत्तर या ग्रीष्म अयनांत कहते है। 21 जून को इस गोलार्द्ध के सभी क्षेत्रो में सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है। इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में शीत ऋतू होती है।
शीत अयनांत(Winter solstice) :-
21-22 दिसंबर को सूर्य की किरणे मकर रेखा पर लम्बवत पड़ती है जिस कारण दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतू होती है। इस समय दिन लम्बे तथा रातें छोटी होती है इसके विपरीत उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य से दूर होता है, अतः वहा शीत ऋतू होती है। सूर्य के सम्मुख दक्षिणी गोलार्द्ध होने के कारण इसके ध्रुवीय क्षेत्रों में हमेशा दिन रहता है सूर्य के सापेक्ष पृथ्वी की इस स्थिति को शीत अयनांत या दक्षिणी अयनांत कहते है।
विषुव (Equinox) :-
पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश 21 मार्च एवं 23 सितम्बर को विषुवत रेखा या भूमध्य रेखा पर लम्बवत पड़ता है इसलिए सम्पूर्ण पृथ्वी पर दिन एवं रात बराबर होते है। 21 मार्च को उत्तरी गोलार्द्ध में बसंत ऋतू और दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद ऋतू होती है।
23 सितम्बर को उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतू और दक्षिणी गोलार्द्ध में बसंत ऋतू होती है। इन दोनों दिन पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश विषुवत रेखा पर होता है।